प्रियंका चोपड़ा का विवाह निक जोनस के साथ पहली दिसंबर 2018 को राजस्थान के जोधपुर में संपन्न हुई। विवाह की भविष्यवाणी (फ्यूचर समाचार सितम्बर विशेषांक 2018 ) में की गयी थी। आज हम प्रियंका चोपड़ा के संतान और वैवाहिक जीवन का ज्योतिषीय विश्लेषण करने जा रहे हैं-
18 जुलाई 1982, जन्मसमय रात्रि - 00:30, जमशेदपुर, झारखण्ड में प्रियंका चोपड़ा का जन्म हुआ। इस जन्मविवरण के साथ कुंडली बनाने पर मेष लग्न, वृषभ राशि की कुंडली बनती है। इनकी कुंडली में गुरु महादशा में शुक्र की अतंर्दशा में इनका विवाह संपन्न हुआ। यह महादशा मार्च 2021 तक रहेगी।
वर्त्तमान गोचर में संतान कारक गुरु इनके अष्ठम भाव पर गोचरस्थ है। जहाँ से गुरु सप्तम दृष्टि से परिवार भाव को सक्रीय कर परिवार बढ़ने का संकेत दे रहे है। तथा मार्च माह के अंत में गुरु राशि परिवर्तित कर नवम भाव पर विचरण करने लगेंगे। तथा यहाँ से पंचम भाव अर्थात संतान प्राप्ति के योगों को बल देंगे। काल निर्धारक शनि का गोचर इस समय इनके भाग्य भाव पर हो रहा है।
यहाँ से शनि दशम दृष्टि से जन्म शनि को प्रभावित कर रहे हैं। जैसा की इससे पूर्व लिखे आलेख में कहा जा चूका है की मेष लग्न के लिए शनि दशमेश और आयेश होते है। एकादश भाव के स्वामी होने के कारण किसी भी कामना या इच्छापूर्ति के पूर्ण होने का समय जानने के लिए जन्म शनि से गोचरस्थ शनि से सम्बन्ध बनाना अतिशुभ और कामना पूर्ति दर्शा रहा है। अत : इस समय में सभी कामनाओं की पूर्ति सहजता से हो जाएगी। 2020 से पूर्व इनके मातृ सुख प्राप्ति के पूर्ण योग बना रही है।
जन्मकुंडली में षष्ठ भाव में स्थित मंगल की चतुर्थ दृष्टि केतु पर आ रही है। और मंगल यहाँ अष्टमेश भी है। एवं शत्रु राशि में स्वनक्षत्र में है। यह योग शल्य चिकित्सा के द्वारा संतान प्राप्ति के योग भी दर्शा रहा है.
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