ग्रहों की अन्य विशेषताएं
प्रश्न शास्त्र में ग्रहों के रुप रंग और व्यक्तित्व के आधार पर अनेक प्रश्नों का विश्लेषण किया जाता है। जैसे यदि कोई वस्तु चोरी हो जाती है तो चोर की जानकारी लेने के लिए ग्रहों को प्रदान किए गए वस्त्रों से जानने का प्रयास किया जाता है। सूर्य को मोटे वस्त्र, चंद्र को नये, मंगल को जले हुए, बुध को भीगे हुए, गुरु को कुछ दिन पूर्व बने हुए वस्त्र परन्तु नया नहीं, शुक्र को टिकाऊ वस्त्रों का करक कहा गया है।
शनि को फटे-पुराने वस्त्रों वाला कहा गया है। आईये अब बात करें ग्रहों के वृक्षों की। सूर्य के स्वामित्व में मोटे तने के वृक्ष, चंद्र रबड़ का पेड़, मंगल नींबू का पेड़, बुध फलहीन वृक्ष, गुरु फलहीन वृक्ष, शुक्र फूलदार वृक्ष, शनि अनुपयोगी वृक्ष का कारक माना गया है। ग्रहों की अन्य विशेषताएं इस प्रकार हैं- सूर्य एवं चंद्र को प्रकाश ग्रह कहा गया हैं। गुरु और शुक्र शुभ ग्रह है। चंद्र सशर्त और बुध भी सशर्त शुभ/अशुभ होते हैं।
चंद्र पक्षबली होने पर शुभ और बुध शुभ ग्रहों के साथ होने पर ही शुभ होता है अन्यथा वह अशुभ होता है। सूर्य, शनि, मंगल, राहु और केतु अशुभ ग्रह हैं। चंद्र कॄष्ण पक्ष का हो और निर्बल हो तो अशुभ है और बुध भी पापी ग्रहों के साथ होने पर पापी है। मंगल, गुरु और शनि ग्रह बहिर्युति ग्रह हैं। बुध और शुक्र अन्तर्युति ग्रह है।
राशिचक्र में ग्रहों को दैनिक औसत गति दी गई हैं। सूर्य प्रतिदिन एक डिग्री चलते हैं। चंद्र 12 अंश, मंगल 42 कला, बुध 75 कला, गुरु 5 कला, शुक्र 75 कला, शनि 2 कला और राहू/केतु 3 कला चलते हैं। ग्रहों में सूर्य, मंगल और गुरु को पुरुष लिंगी कहा जाता है। चंद्र और शुक्र को स्त्री ग्रह कहा गया हैं, बुध और शनि ग्रहों को नपुंसक ग्रह कहा गया है। गुरु और शुक्र को ब्राह्मण जाति का माना गया है। सूर्य और मंगल ग्रह ।
क्षत्रिय हैं, बुध और चंद्र वैश्य हैं, शनि जाति से शूद्र हैं। ग्रहों के तत्वों में बुध को पृथ्वी तत्व, चंद्र और शुक्र को जल तत्व, सूर्य और मंगल को अग्नि तत्व, शनि ग्रह को वायु तत्व और गुरु को आकाश तत्व का कारक ग्रह कहा गया है।
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इसके अतिरिक्त सूर्य को हड्डियों का कारक, चंद्र को खून, मंगल को मज्जा, बुध को त्वचा, गुरु को वसा, शुक्र को वीर्य और शनि को मांसपेशियों का कारक माना गया है। अब यदि हम ग्रहों के वात/पित्त/कफ की बात करें तो सूर्य और मंगल को पित्त, शनि को वात, गुरु, चंद्र, शुक्र को कफ और बुध को वात/पित्त/ कफ तीनों का मिश्रण कहा गया हैं।
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सूर्य 6 माह की अवधि, चंद्र 48 मिनट, मंगल एक दिन (जिसमें दिन और रात दोनों शामिल हों), बुध 2 माह, गुरु 1 माह, शुक्र 1
पक्ष (15 दिन) और शनि को एक वर्ष की अवधि दी गई है।

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